ON : 10 June 2020
राजीव गौड़ा 2017 में, भारत एक अनोखी घटना का गवाह बना। लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई एक सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष खड़े होकर यह तर्क दिया कि उसका अपने नागरिकों के जीवन पर संपूर्ण अधिकार है। उसने यह...
ON : 25 February 2020
Speaking on the eve of appointment of JP Nadda as president of ruling BJP in the place of Home Minister Amit Shah recently in Delhi, Prime Minister NarendraModi advised his party workers to “forge a direct link with the people...
ON : 12 February 2020
प्रो. हरबंस मुखिया ‘इतिहास’ – इस शब्द का सभ्यता के विकास के विभिन्न चरणों में क्या अर्थ रहा है, इतिहास का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किस तरह उपयोग और दुरुपयोग किया जाता रहा है और किस तरह उसे समाज की...
ON : 29 January 2020
वरुण शैलेश भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) विभिन्न भाषाओं-हिंदी, अंग्रेजी, उड़िया, उर्दू और मलयालम- में पत्रकारिता के पाठ्यक्रमों का संचालन करता है। इन पाठ्यक्रमों में रेडियो एवं टेलीविजन पत्रकारिता (आरएंडटीवी) के अलावा विज्ञापन और जनसंपर्क (एड-पीआर) भी शामिल हैं। प्रस्तुत तालिका...
ON : 16 January 2020
जसपाल सिंह सिधु केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 11 दिसंबर 2019 और 20 दिसंबर 2019 को टेलीविजन चैनलों के लिए दिशा-निर्देश जारी किये, जिसमें चैनलों से प्रसारित की जाने वाली अपनी ‘सामग्री’ को लेकर अधिक सर्तकता बरतने को कहा...
ON : 19 December 2019
तकनीक में विकास के साथ इंटरनेट पर हमारी निर्भरता काफी हद तक बढ़ गई है, लेकिन ऐसा लगता है कहीं न कहीं कॉल की गुणवत्ता के साथ समझौता किया जा रहा है। हाल ही समाज के लिए काम करने वाले प्लेटफॉर्म...
ON : 10 October 2019
How a small group of people monopolizes public opinion through discussions concerning armed forces on TV channels exposed by a study conducted by Delhi based media research and training collective, Media Studies Group. The study reveals that only 54 experts...
ON : 10 October 2019
एक छोटा सा समूह टेलीविजन चैनलों में किसी मुद्दे पर होने वाली बहसों में एकाधिकार बनाए रखता है। सेना में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर देश के विभिन्न टेलीविजन चैनलों पर हुई बहस में चार वर्गों के 54 लोग ही घूम...