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  • संवाद व्यवस्था का नया और भयावह चेहरा

    ON : 24 January 2017

    1943 में इंडियन फेडरेशन ऑफ लेबर के कार्यकर्ताओं के बीच डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने कहा “लोकतंत्र समानता का दूसरा नाम है। संसदीय लोकतंत्र ने स्वतंत्रता की चाह का विकास किया लेकिन समानता के प्रति इसने नकारात्मक रुख अपनाया। यह समानता...

  • जम्मू मीडिया बनाम कश्मीर मीडिया

    ON : 7 October 2016

    संजय कुमार सिंह कश्मीर के मीडिया में जम्मू को तरजीह नहीं दी जाती उसी तरह जम्मू के मीडिया में कश्मीर उपेक्षित रहता है, सिवाय किसी आतंकी घटनाक्रम के। यहां तक कि मीडिया का भेदभाव धार्मिक और सामाजिक स्तर पर भी...

  • दक्षिण एशिया में शांति के प्रयास और मीडिया

    ON : 21 September 2016

    दक्षिण एशिया में शांति को बढ़ावा देने में मीडिया की भूमिका विषय पर चंडीगढ़ में 8-12 अप्रैल 2016 को आयोजित सेमिनार में दिया गया भाषण     प्रबोध जमवाल यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत और पाकिस्तान के मीडिया, जिसमें खबरिया...

  • न्यूज चैनल हर घंटे कश्मीर को भारत से दूर ढकेल रहे हैं

    ON : 13 September 2016

    शाह फैसल मेरे एक साल के बच्चे के लिए 13 जुलाई 2016 की दोपहर में सोना मुहाल हो गया था। इलाके में कर्फ्यू लगा था और नजदीक की सड़क पर तड़के से ही आजादी के नारों और आंसू गैस के...

  • इंटरव्यू पत्रकारिता और नरेन्द्र मोदी

    ON : 23 June 2016

      अनिल चमड़िया अभिव्यक्ति की कई विधाओं में पत्रकारिता भी एक है। कहानियों, कविताओं, नाटकों आदि की प्रस्तुति का कोई एक निश्चित ढांचा नहीं है। कहानियां, कविताएं, नाटक कई तरह से प्रस्तुत किए जाते हैं। पत्रकारिता की विधा में भी...

  • स्टिंग ऑपरेशन और न्यूज रूम की संस्कृति

    ON : 16 June 2016

    मुजफ्फरनगर दंगों के स्टिंग ऑपरेशन के संबंध में उत्तर प्रदेश विधानसभा द्वारा गठित जांच समिति के समक्ष चैनल के संपादकीय व प्रबंधकीय अधिकारियों ने जो साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं उससे टी वी चैनलों के न्यूज रूम के भीतर  के कामकाज...

  • पत्रकारिता का भविष्य: पत्रकारिता संस्थानों में एक सर्वेक्षण

    ON : 31 March 2016

    देश में पत्रकारिता के अध्ययन और व्यावहारिक प्रशिक्षण की इस पृष्ठभूमि से जाहिर है कि असमान स्थितियों और कई तरह के अंतर्विरोधों के बीच पत्रकारिता का भविष्य तैयार हो रहा है। पत्रकारिता को व्यवसाय के लिए अध्ययन का क्षेत्र बनाने...

  • मोबाइल तकनीक और वंचित वर्ग

    ON : 2 December 2015

    मौबनी दत्ता संचार तकनीक जैसे कि मोबाइल आदि को इन दिनों आर्थिक व सामाजिक विकास के क्षेत्र में एक ताकतवर माध्यम के तौर पर माना जा रहा है, खासतौर से भारत की वंचित आबादी तक सहायता पहुंचाने के मकसद से।...

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    मीडिया स्टडीज ग्रुप (एमएसजी) के स्टैंड पर नेपाल के पर्यावरण मंत्री विश्वेन्द्र पासवान। विश्व पुस्तक मेला-2016, प्रगति मैदान, नई दिल्ली

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