नई दिल्ली। सेंट स्टीफन कॉलेज के छात्रों की ओर से कुछ दिन पहले ही शुरू की गई ऑनलाइन मैगजीन पर उन्हीं के प्रिंसिपल ने पाबंदी लगा दी है। दरअसल छात्रों ने प्रिंसिपल डॉक्टर वॉल्सन थंपू का लिया गया इंटरव्यू बिना उनकी मंजूरी के बगैर छाप दिया था। हालांकि छात्रों का कहना है कि हमने ईमेल के जरिये उनके पास इंटरव्यू भेजा था। तय तिथि तक कोई जवाब नहीं आने पर हमने उनकी मंजूरी मानी।
कॉलेज के चार छात्रों ने अपने खर्च पर यह ऑनलाइन मैगजीन शुरू की थी। मैगजीन के एडिटर इन चीफ व कॉलेज में फिलॉस्फी ऑनर्स के अंतिम वर्ष के छात्र देवांश ने बताया कि तीन दोस्तों परितोष गुप्ता, रजत शर्मा और रतिक शर्मा सहित कॉलेज के 20 स्वयं सेवकों के साथ इसकी शुरुआत की थी। इसका मकसद कॉलेज की गतिविधियों से लोगों को रूबरू कराना था।
देवांश ने बताया कि 7 मार्च को हमने प्रिंसिपल का इंटरव्यू प्रकाशित किया। प्रिंसिपल के कहने पर हमने प्रकाशित करने से पहले उसकी एक कॉपी 7 मार्च को सुबह उन्हें ईमेल से उपलब्ध करा दी। रात तक जवाब नहीं आने के बाद उसे सहमति मानते हुए रात 10 बजे उसे प्रकाशित कर दिया।
मेल के जरिए हमने उनकी आपत्ति से संबंधित जानकारी मांगी थी लेकिन उन्होंने उत्तर नहीं दिया। देवांश ने बताया कि प्रिंसिपल की नाराजगी का पता तब चला जब कॉलेज के नोटिस बोर्ड पर नजर आने वाले विभिन्न नोटिस और जानकारियों को अपनी मैगजीन के माध्यम से प्रचारित करने का प्रस्ताव लेकर प्रिंसिपल के पास गए। जब उन्हें पता चला कि उनका इंटरव्यू प्रकाशित हो चुका है तो वह नाराज हो गए।
हालांकि जानकारों का कहना है कि प्रिंसिपल को मैगजीन पर रोक लगाने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है और उनका यह कदम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन है।
साभार – अमर उजाला