एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने भारत सरकार से दिसंबर 2012 में हुए दिल्ली सामूहिक बलात्कार पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘इंडियाज़ डॉटर’ पर लगी रोक हटाने की अपील की है. इस डाक्यूमेंट्री का प्रसारण ब्रिटेन में बीबीसी फ़ोर चैनल पर चार मार्च को हुआ था.
लेज़्ली उडविन की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडियाज़ डॉटर’ में दिल्ली सामूहिक बलात्कार के दोषियों में से एक मुकेश सिंह का इंटरव्यू दिखाया गया है. यह इंटरव्यू दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल के भीतर किया था.
सकारात्मक पहलू
सरकार के फ़ैसले पर एडिटर्स गिल्ड ने कहा है कि डॉक्यूमेंट्री पर लगी रोक पूरी तरह से ग़लत है. गिल्ड की तरफ़ से जारी किए गए एक बयान में कहा गया है, “डॉक्यूमेंट्री में बलात्कार पीड़ित युवती के परिवार की उदार दृष्टि, संवेदनशीलता और साहस को दिखाया गया है.”
पूर्व पत्रकार दिबांग और लेज़्ली उडविन, प्रोड्यूसर, इंडियाज़ डॉटर
गिल्ड के मुताबिक़ यह कहना भी ग़लत है कि यह विषय अदालत के पास विचाराधीन है और दोषी करार दिए गए लोग इस फ़िल्म का इस्तेमाल अपने हित में कर लेंगे या पीड़िता के माता-पिता की संवेदनशीलता पर चोट कर सकता है.
गिल्ड ने कहा है कि डॉक्यूमेंट्री पर लगी रोक हटाने से लोग इसके सकारात्मक पहलुओं को भी समझ सकेंगे.
साभारः बीबीसी हिंदी