भाेंरतीय संघ के लिए मुल्क के तमाम सूबों, समुदायों और संस्कृतियों के साथ जो समझौते हुए है उन सबका संविधान की अलग अलग घाराओं में उल्लेख किया गया है। एक खास पहलू पर गौर करें कि गैर कश्मीर इलाके में कश्मीर के बारे में तो ढेर सारी प्रचार सामग्री मिल सकती है लेकिन कश्मीरियत के बारे में जानकारी न के बराबर है। ऐसा इसीलिए है कि कश्मीरियत सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की योजना पर सवालिया निशान खड़ी करती है।
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https://thewirehindi.com/91257/kashmir-article-370-kashmiriyat-society-culture/
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