पत्रकारिता के लिए कुछ नोट्स
1. योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोहालनॉबीस की अगुवाई वाली कमेटी ने मीडिया संस्थानों के बारे में शोध कर यह स्पष्ट किया है कि लोकतंत्र की संस्थाओं पर सामाजिक और आर्थिक स्तर पर वर्चस्व रखने वालो को कब्जा है।
2. हमारी मानसकिता वर्चस्व रखने वालों की संस्थाओं में नौकरी करने की है और लोकतंत्र को बचाने की छद्म लड़ाई लड़ने की होती हैं।
3. मीडिया घरानों को पूरी लूट में कितना हिस्सा मिला है यह शोध का विषय होना चाहिए।
4. मीडिया हाउस खड़ाकर लूट के लिए ताकत अर्जित करने वालो की पहचान क्या है
5. खबरें नहीं होती है , आक्रमण होता है।
6. किसी खबर के देखने के बजाय समग्रता में कोई माध्यम ( मीडिया) क्या प्रभाव खड़ा करता है, इस नजरिये से मीडिया का विश्लेषण करना चाहिए।
7. राष्ट्र की पत्रकारिता होगी तो नागरिक की पत्रकारिता नहीं हो सकती है और जब नागरिक की पत्रकारिता होगी तो मानवता की पत्रकारिता नहीं हो सकती है।
8. जैसे जाति में सर्वश्रेष्ठ बनने का सांस्कृतिक दबाव नीचे पादान वाली जातियों पर होता है, उसी तरह कारपोरेट संस्कृति कामयाब पत्रकार बनने के लिए दबाव बनाती है।
9. अपनी स्वतंत्रता के खिलाफ कोई समूह जब खड़ा होता है तो वह वास्तव में फांसीवादी विचार का पक्षधर होता है।पत्रकारिता के भीतर पत्रकारों का एक ऐसा समूह विकसित कर लिया गया है