नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कमेंट पर आईटी एक्ट की धारा 66-ए के तहत गिरफ्तारी हो सकती है या नहीं, अब इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगा। कई दिनों तक सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान जहां याचिकाकर्ता ने कहा कि इस तरह गिरफ्तारी मौलिक अधिकारों का हनन है।
सोशल मीडिया, कार्टून और कैरीकैचर के जरिए लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं और ये एक्ट लोगों के अधिकार को रोकता है। इसलिए इस एक्ट को खत्म कर देना चाहिए। वहीं केंद्र सरकार ने इस एक्ट का समर्थन करते हुए कोर्ट में कहा कि इस एक्ट को खत्म नहीं किया जाना चाहिए।इस मामलों में गंभीर और आपत्तिजनक टिप्पणियों पर ही पुलिस कार्रवाई करती है।
दरअसल महाराष्ट्र में दो युवतियों को बाल ठाकरे पर सोशल मीडिया मे पोस्ट करने पर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में लॉ स्टूडेंट श्रेया सिंघल और अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, और ऐसे मामलों को कानून का दुरुपयोग बताते हुए एक्ट को खत्म करने की मांग की थी। 2014 में होम मिनस्टरी ने सभी राज्यों को पत्र कहा था कि ऐसे मामलों में गिरफ्तारी से पहले सीनियर पुलिस अफसर की अनुमति होनी जरूरी है।
साभार – एऩडीटीवी खबर